मीडिया का अधिकार छीन किया जा रहा उत्पीड़न
चोपन/सोनभद्र एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए मेसेज देते हैं सोशल मीडिया पर की पत्रकारों को परेशान नही किया जाए उन्हें निष्पक्ष पत्रकारिता करने दें ।
अगर कोई किसी पत्रकार को परेशान करता दिखा तो उस पर कार्यवाही होगा लेकिन क्या यह यू० पी० का सच हैं।
अगर सच होता तो उत्तर प्रदेश के मुखिया के बातों पर वजन होता लेकिन अब तक कोई वजन नही दिखा बल्कि पत्रकारों को निष्पक्ष पत्रकारिता करने पर रुकावट लगातार देखने को मिल रहा है।बताते चलें कि पत्रकारिता धर्म का निष्पक्ष और निर्भीक तरीके से निर्वहन करने वाले कलम के सिपाहियों का उत्पीड़न रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। अभी बोर्ड परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में बलिया के पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा कायम कर उन्हें जेल भेजने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि जनपद के चोपन निवासी पत्रकार सत्यदेव पांडेय के रेलवे कॉलोनी स्थित आवास में रेलवे के अधिकारी और आरपीएफ के जवानों द्वारा उनकी अनुपस्थिति में बिना किसी पूर्व सूचना के आवास में बंद ताले को तोड़ उसमें रखे घरेलू सामग्री को उठा ले जाया गया। श्री पांडेय का कहना है कि बहुत पहले उन्होंने उक्त आवास को आईओडब्ल्यू से मौखिक रूप से बात करते उक्त कमरा को लिया था और उसके बदले आईओडब्ल्यू को सुविधा शुल्क भी देते थे उसके बावजूद ऐसे में आईओडब्ल्यू द्वारा मुझे बिना किसी सूचना के कमरा का ताला तोड़कर मेरा पूरा सामान उठा ले गए। आईओडब्ल्यू ने ऐसा क्यों किया इस सवाल पर श्री पांडेय ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उन्हें रेलवे में भ्रष्टाचार संबंधी एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिस के संदर्भ में उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया था। इसी प्रतिशोध में उन्होंने उनके विरुद्ध उपरोक्त असंवैधानिक कार्रवाई कर उनका उत्पीड़न कर रहे है। तथा इसकी सूचना मेरे द्वारा थाने में देकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है। उधर इस मामले में जब आईओडब्ल्यू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सत्यदेव पाण्डेय द्वारा रेलवे के कमरे में अवैध तरीके से कब्जा किया गया था सूचना देने के बाद भी नही उनके द्वारा खाली नही किया जा रहा था इसलिए उसे खाली करवाया गया है।