तीन साल पहलेे स्वीकृत कूप की अब तक नहीं हो सकी खुदाई
सीओ से लेकर सीएम तक हुयी शिकायत, नहीं हुयी कार्यवाही
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। जनपद पंचायत वैढ़न के ग्राम पंचायत ढेंकी के हितग्राही रामसजीवन सिंह को शासन मनरेगा योजना के कपिल कूप धारा योजना के तहत एक कूप दिसम्बर २०१९ में स्वीकृत हुआ था परन्तु आज तीन साल बीत जाने के बाद भी कूप का निर्माण नहीं हो सका। हितग्राही रामसजीवन सिंह ने इस संबंध में जिला सीईओ, जिला कलेक्टर, और सीएम हेल्पलाईन में लगभग ५ बार शिकायत दर्ज करायी परन्तु शिकायत एल ४ में जाकर झूठा आश्वासन देकर बंद करा दी जाती है।
हितग्राही रामसजीवन सिंह का कहना है कि दिसंबर २०१९ में मनरेगा योजना अंतर्गत कपिल धारा कूप निर्माण योजना अंतर्गत एक कुआं स्वीकृत हुआ था परन्तु वर्तमान रोजगार सहायक पूर्व मे प्रभारी सचिव थे उनके द्वारा कार्य प्रारंभ कराने हेतु बीस हजार रूपये की मांग की गयी थी। हितग्राही द्वारा उक्त राशि न देने पर उक्त रोजगार सहायक व पंचायत इंजीयिन द्वारा कूप का कार्य नहीं कराया गया। रोजगार सहायक द्वारा यह कहा जाता है कि सरपंच मौके पर उपस्थित नहीं होते जबकि हकीकत यह है कि सरपंच वहीं पर मौजूद रहते हैं यहां तक कि सरपंच द्वारा रोजगार सहायक व सचिव को यह कहा गया कि उक्त हितग्राही का कूप निर्माण कराया जाये इसके बावजूद सरपंच की बातों को दरकिनार कर कूप का निर्माण नहीं कराया गया है। हितग्राही रामसजीवन सिंह ने इस संबंध में जिला सीईओ कार्यालय में मौखिक व लिखित रूप मे शिकायत दर्ज करायी, जिला कलेक्टर कार्यालय में जाकर कई बार शिकायत दर्ज करायी फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुयी। हितग्राही ने थक हारकर सीएम हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज करायी परन्तु वह शिकायत भी अंत में बंद करा दी गयी। इस संबंध में मई २०२१ में हितग्राही द्वारा मुख्यमंत्री को मेल भेजा जहां से जवाब आया है कि आपका मेल नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु कलेक्टर सिंगरौली प्रेषित कर दिया गया है तत्संबंध में आगामी कार्यवाही की जानकारी हेतु कृपया संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी से संपर्क करें परन्तु आज दिनांक तक उक्त मेल पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अब सवाल यह उठता है कि एक स्वीकृत कूप की खुदाई के लिए हितग्राही तीन साल से भटक रहा है और कहीं सुनवाई नहीं हो रही है ऐसे में मुख्यमंत्री के आदर्श ग्राम पंचायत बनाने के सपनों पर खुलेआम पंचायत सचिव व रोजगार सहायक द्वारा पानी फेर रहे हैं।