भारतीयों को बंधक बनाने के रूस के दावे को भारत ने किया खारिज
नई दिल्ली. यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन सरकार पर भारतीय नागरिकों को बंधक बनाने का आरोप लगाया है. हालांकि, भारत सरकार ने आज उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिनमें बताया जा रहा था कि भारतीय छात्रों को यूक्रेन में बंधक बनाकर रखा गया है. सरकार ने भरोसा दिलाया कि वह यूक्रेन में भारतीयों से लगातार संपर्क में हैं, और ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ है.
दरअसल, रूसी सरकार ने दावा किया यूक्रेनी सेना ने भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर रखा है, जिसके बाद सरकार ने यह बयान जारी किया. रूस की तरफ से यह दावा तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ देर पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी और खार्किव के हालात पर चर्चा की थी.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि हमें किसी छात्र के बंधक बनाए जाने की कोई खबर नहीं मिली है. हमने यूक्रेनी अथॉरिटीज से सहयोग मांगा है कि वे भारतीय छात्रों को खार्किव और आसपास के इलाकों से लेकर यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से तक ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम करेंगे.रूसी सेना के प्रवक्ता ने बताया- हमारी जानकारी के मुताबिक, यूक्रेनी अथॉरिटीज ने खार्किव में बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को कैद कर रखा है. ये छात्र देश छोड़कर बेलगोरोड जाना चाहते हैं. रूसी सेना भारतीय छात्रों के सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है. इतना ही नहीं, हम उन्हें रूसी जमीन से रूसी मिलिट्री विमान या भारतीय विमान के जरिए भारत पहुंचाने को भी तैयार हैं.रूस-यूक्रेन युद्ध के 7वें दिन बुधवार 2 मार्च शाम 4.47 बजे यूक्रेन में भारतीय एम्बेसी ने अर्जेंट एडवाइजरी जारी करके कहा कि खार्किव में मौजूद सभी भारतीय तत्काल प्रभाव से शहर छोड़ दें. भारतीय खार्किव से सटे पश्चिमी इलाकों जैसे पेसोचिन, बाबाये और बेजलयुदोवका की तरफ बढ़ें. ठीक एक घंटे बाद फिर से एजवाइजरी जारी करते हुए भारतीय एम्बेसी ने कहा कि भारतीय तत्काल मतलब तत्काल प्रभाव से खार्किव छोड़कर निकल जाएं.