स्वयं पर विश्वास बनाने के लिए निष्पक्षता के साथ पारदर्शिता रखना जरूरी: सांसद सीधी
आईएफडब्ल्यूजे जिला इकाई सिंगरौली का वार्षिक परिचय पत्र वितरण सह मीडिया कार्यशाला संपन्न
वैढ़न,सिंगरौली। स्वयं पर विश्वास बनाने के लिए निष्पक्षता के साथ परदर्शिता रखनी जरूरी है। कठिनाईयों का सामना करने के बाद ही स्वयं पर विश्वास पैदा होता है। आगे बढ़ने के लिए कोई शार्टकट नहीं होता इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। उक्त बातें सीधी सिंगरौली सांसद श्रीमती रीती पाठक ने इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट जिला इकाई सिंगरौली द्वारा आयोजित वार्षिक परिचय पत्र वितरण सह मीडिया कार्यशाला में कहीं। विन्ध्यनगर के नीलम होटल के सभागार में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये उन्होने कहा कि सौभाग्य की बात है कि उक्त कार्यशला में मुझे बुलाया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में जुड़े नये पत्रकारों के लिए इस तरह की कार्यशाला की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। शुरूआत में ही क्षेत्र के बारे में सबकुछ पता नहीं होता, धीरे-धीरे सारी चीजें समझ में आती हैं। उन्होने कहा कि पत्रकार बन्धु़ओं का कार्य काफी कठिन है। पत्रकारों को जब भी जरूरत होगी मैं उनके साथ सदैव खड़ी रहूंगी। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने उपस्थित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम में सीधी सिंगरौली सांसद श्रीमती रीती पाठक, सिंगरौली विधायक रामलल्लू बैस, देवसर विधायक सुभाष रामचरित्र वर्मा, कलेक्टर सिंगरौली राजीव रंजन मीणा, पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष बीरेन्द्र गर्ग, वरिष्ठ भाजपा नेता वशिष्ठ पाण्डेय, मोरवा एसडीओपी राजीव पाठक, कोतवाली प्रभारी अरूण पाण्डेय, मोरवा थाना प्रभारी मनीष त्रिपाठी, पूर्व युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह सहित तमाम पत्रकार साथी तथा अन्य अतिथिगण मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान संगीत का भी प्रोग्राम रखा गया था। उपस्थित संगीतकारों द्वारा अतिथियों का खूब मनोरंजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी व पत्रकार डा.आर.डी. पाण्डेय ने किया। स्वागत भाषण जिलाध्यक्ष अजय द्विवेदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन जिलाउपाध्यक्ष राजेश सिंह ने किया। कार्यक्रम में आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव दिनेश पाण्डेय, प्रदेश सचिव बी.पी.सिंह, संभागीय अध्यक्ष विकास देव पाण्डेय, संभागीय सचिव सुनिल सोनी सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे।
सिंगरौली के विकास में पत्रकारों की अहम भूमिका: रामलल्लू
कार्यशाला में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये विधायक सिंगरौली रामलल्लू वैश्य ने कहा कि सिंगरौली जिले के विकास में पत्रकारों की अहम भूमिका है। पत्रकार जरूरतमंदों तक पहुंचते हैं और सूचनाओं का प्रसार करते हैं। जिला प्रशासन और सरकार से संवाद कर हम सब कार्य करते हैं। उन्होने कहा कि पत्रकार साथियों द्वारा कई तरह के कार्य करने के लिए कहा जाता है परन्तु हम सब सीमा में रहकर कार्य करते हैं। पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए हम सब सदैव तत्पर हैं जब भी जरूरत होगी हम सभी कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हैं।
अंतिम पंक्ति की दुर्व्यवस्थाओं को ठीक करता है पत्रकार: विधायक देवसर
समाज के अंतिम पंक्ति में जहां दुर्व्यवस्था होती है उसे पत्रकार उजागर करता है और जब तक दुर्व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो जाती पत्रकार लगातार आवाज उठाता रहता है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकार विकास का माध्यम है। पत्रकारों के लिए कार्यशाला की बहुत जरूरत है। इस तरह के कार्यशाला से पत्रकारों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
मिशन के साथ करें पत्रकारिता: आर.के.श्रीवास्तव
जब देश परतंत्र था, आजादी नहीं मिली थी तब देश की पत्रकारिता का मिशन आजादी पाने के प्रयासों में सहयोग करना था। आजादी मिल जाने के बाद पत्रकारिता का सनै: सनै: अवमूल्यन होता रहा। आज की पत्रकारिता के पास कोई मिशन नहीं है। पत्रकारिता मिशन के साथ करें तो वह सार्थक होगी और देशहित में होगी उक्त उद्गार इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के प्रदेश उपाध्यक्ष आर.के.श्रीवास्तव ने आईएफडब्ल्यूजे के एक दिवसीय कार्यशाला एवं जिला स्तरीय सम्मेलन में व्यक्त किया।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये उन्होने कहा कि आज की पत्रकारिता उद्देश्य विहीन हो गयी है। इसलिए उसका तेजी से अवमूल्यन हो रहा है। मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता पर जोर देते हुये उन्होने कहा कि आज भी हमारे बीच गणेश शंकर विद्यार्थी, फणिश्वर नाथ रेणु के शब्द ध्वनित हो रहे हैं। उनसे पे्ररणा लेकर जिले के पत्रकारों को चाहिए कि वे पत्रकारिता के साथ मिशन को जोड़ लें। जिले में नशाखोरी, अशिक्षा आदिवासी जीवन का विकास भ्रष्टाचार में से कोई भी बिन्दु मिशन का हो सकता है। नव आगन्तुक पत्रकारों को केन्द्रित करते हुये उन्होने कहा कि अधकचरी, औचित्यविहीन एवं अविश्वसनीय पत्रकारिता से परहेज करें। कोई भी समाचार मिलने पर उसके औचित्य की परख करें। इसके बाद उसकी विश्वसनीयता को ठोक बजाकर देखें। विश्वसनीयता हासिल करने के बाद देखें कि यह समाचार जनहित में है कि नहीं। परख लेने के बाद ही उसको प्रकाशित या प्रसारित करें। हर स्टोरी का एक सेंटर आइडिया होता है। बिना सेन्ट्रल आइडिया के कोई कहानी नहीं होती है। आज सोशल मीडिया पर चार लाईन, दस लाईन की खबरें प्रसारित हो रही हैं जिसका मकसद कुछ नहीं है। ऐसी खबरों को फारवर्ड करने से समाज में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। यही भ्रम की स्थिति किसी भीड़ से किसी निर्दोष की हत्या करवा देती है।
जिस तरह समाज का अवमूल्यन हुआ है उसी तरह पत्रकारिता भी अवमूल्यन हुआ है। इसलिए पत्रकारिता पर ही उंगली उठना लाजिमी नहीं है। एक उदाहरण देते हुये प्रदेश पदाधिकारी ने कहा कि उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री डा. सम्पूर्णानंद ने मजाक-मजाक में इस्तीफा देने की बात कह दी थी। मजाक में कही बात को वक्त आने पर उन्होने गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। यह भारतीय राजनीति की मर्यादा है। आज राजनीति का अवमूल्यन इस स्तर पर हो गया है कि लोग घंटों में दलबदल कर ले रहे हैं। विपरीत विचारधारा वालों से गले मिल रहे हैं। पत्रकारिता का उस स्तर पर अवमूल्यन नहीं हुआ है फिर भी पत्रकारों को आत्मावलोकन करने की जरूरत है।
इस तरह की कार्यशाला निरंतर होनी चाहिए: कलेक्टर
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला की पत्रकारों को बहुत जरूरत है। निरंतर कार्य में क्या नये डेवलपमेंट हुये इन कार्यशालाओं के माध्यम से सीखने को मिलता है। उन्होने कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों ने उपस्थित पत्रकारों को अच्छा मार्गदर्शन दिया। अनुभवी साथियों से नये लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। समाज लोकतंत्र के सभी स्तंभों में संतुलन होना जरूरी है। लाकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता समाज में अपना अलग स्थान रखता है। उन्होने कहा कि हमें हमेशा संतुलित नजरिये से सबको देखना चाहिए। कोरोना काल के दौरान मीडिया ने अच्छा कार्य किया। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
पत्रकारिता कठिन विषय है: एसपी सिंगरौली
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये जिले के पुलिस कप्तान बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि पत्रकारिता काफी कठिन कार्य है। समाज को जब जब क्रांति की आवश्यकता हुयी तब तब पत्रकार ही आगे आकर क्रांति का आगाज करता है। पत्रकारों के सामने कई चुनौतियां होती हैं। पत्रकारों का जीवन चुनौतियों और संघर्ष से भरा होता है। सिंगरौली में पत्रकारों की अच्छी संख्या है। उन्होने कहा कि पत्रकारों के लिए जब भी उनकी जरूरत होगी वह सदैव तैयार मिलेंगे।
देश का सबसे बड़ा संगठन है आईएफडब्ल्यूजे: नीरज पाण्डेय
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये जिला महासचिव नीरज पाण्डेय ने संगठन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि हमारा संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट गुटनिरपेक्ष दुनिया में सबसे बड़ा पत्रकार संगठन है, जिसकी स्थापना 28 अक्टूबर 1950 को नई दिल्ली में हुई थी। स्वतंत्र भारत के मीडियाकर्मियों के पहले ट्रेड यूनियन, आईएफडब्लयूजे में अब 30,000 से अधिक प्राथमिक और सहयोगी सदस्य हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, समाचार एजेंसियों और 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 17 भाषाओं की 1,260 पत्रिकाओं के लिए काम कर रहे हैं। अन्य महाद्वीपों में कार्यरत प्रवासी भारतीय इसके प्राथमिक सदस्य हैं। इस दौरान उन्होने संगठन के राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश व जिलास्तर की जानकारी प्रदान की उन्होने बताया कि जिले में लगभग ७० सक्रिय पत्रकार इस संगठन का हिस्सा हैं। जिसमें से लगभग १४ सक्रिय सदस्य प्रदेश, संभाग तथा जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। संगठन पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए सदैव प्रयास करता रहा है और आगे भी जारी रहेगा। हमारा संगठन पत्रकार सुरक्षा कानून, नियमित विज्ञापन, समय पर बिलों का भुगतान, अधिमान्यता की प्रक्रिया का सरलीकरण,जनसम्पर्क की कमेटियों में पत्रकारों को उचित प्रतिनिधित्व, श्रद्धानिधि में बढ़ोत्री व नियमों का सरलीकरण, भूखण्ड/आवास आवंटन, चिकित्सा सहायता में बढ़ोत्री, पत्रकार बीमा, छोटे बड़े समाचार पत्रों का भेदभाव, सूची वाले और बिना सूची वाले समाचार पत्र पत्रिकाओं का अन्तर सहित अन्य मांगों के निवारण हेतु लगातार संघर्ष कर रहा है। आने वाले समय में हमें जरूर सफलता मिलेगी ऐसी उम्मीद है।
पुलिस और पत्रकार का सामंजस्य सदैव से रहा है: एसडीओपी मोरवा
कार्यशला को सम्बोधित करते हुये मोरवा एसडीओपी राजीव पाठक ने कहा कि पुलिस और पत्रकारों का सामंजस्य सदैव से रहा है। समाज को पत्रकारिता की बहुत जरूरत होती है। पत्रकारिता काफी ब्यापक होती है। पत्रकारों को पुलिस का हमेशा से सहयोग मिलता रहा है और मिलता रहेगा।
योग्य कंधों पर जिम्मेदारी देकर गौरव महसूस हुआ: मनीष त्रिपाठी
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये मोरवा थाना प्रभारी मनीष त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकार घटना घटने से रोकते हंै। उन्होने कहा कि समाज में बहुत सी जिम्मेदारियां रहती हैं। धूप, गर्मी, ठंडी, को सहते हुये बिना वेतन के जब कोई पत्रकार अपने जीवन को दांव पर लगाकर कार्य करता है तब उसे पत्रकार का तमका मिलता है। उन्होने कहा कि उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि इस वार्षिक परिचय पत्र वितरण कार्यक्रम में पत्रकारों के कंधों पर जिम्मेदारी देकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होन कहा कि संगठन के प्रेम से वह अविभूत हैं। समाज के हर युनिट की तरह पत्रकार की भी अहम भूमिका है।