संस्कृत भाषा में छपा शादी का कार्ड बना चर्चा का विषय
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। वेदों उपनिषदों की भाषा संस्कृत अब देश में विलुप्ति की कगार पर पहुंच गयी है। देश में अंग्रेजी भाषा का प्रचलन अब इतना बढ़ता जा रहा है कि देश की मातृभाषा हिन्दी भी दबती जा रही है ऐसे में जिले के अमिलवान गांव के एक ब्राह्मण परिवार ने शादी का कार्ड संस्कृत में छपवाया है। जिले में इस कार्ड की जोरदार चर्चा हो रही है। शादी के कार्ड में संस्कृत भाषा में लिखे शब्दों को पढ़कर लोग एक बार हैरत में पड़ जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि सिंगरौली जिले के अमिलवान गाँव के निवासी रामनारायण पाण्डेय के पुत्र विराग पाण्डेय का विवाह 18 फरवरी को है। रामनारायण पाण्डेय का जीवन हमेशा शिक्षा से जुड़ा रहा और उन्होने एक लम्बा जीवन बच्चों को शिक्षा देने में गुजारा है।
रामनारायण पाण्डेय ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी आज के परिवेश में अपनी भाषा को भूलने लगी है और उनका झुकाव अंग्रेजी की तरफ ज्यादा है और संस्कृत जैसे प्राचीन भाषा जिसे लोग देवभाषा कहते हैं,उसकी अनदेखी कर रहे हैं। रामनारायण पाण्डेय ने संस्कृत भाषा को लोगों के दैनिक जीवन में उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विवाह का निमंत्रण पत्र संस्कृत भाषा में छपवाया है। निमंत्रण पत्र में विवाह संबंधित कार्यक्रमों के लिए शुभतिलकोत्सव:,मण्डपाच्छादनम् हरिद्रालेपनञ्च,मातृणांपूजनम्,वरयात्रा प्रस्थानम् पाणिग्रहण संस्कारश्च आदि शब्दों का प्रयोग किया है।