सहकारी समिति प्रबंधक के 3 ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की दबिश:18 हजार रुपए महीना पगार पाने वाला निकला करोड़ों का आसामी, फर्जी पैन कार्ड और वोटर आईडी मिले



देवास। आर्थिक अन्वेषण प्रकोष्ठ उज्जैन  की टीम ने देवास जिले के कन्नौद में सहकारी सोसायटी के प्रबंधक के तीन ठिकानों पर दबिश दी। प्रारंभिक जांच में प्रबंधन के पास से कराड़ों की जमीन और संपत्ति मिली है। उसके पास से फर्जी पैन कार्ड और वोटर आईडी भी मिले हैं।
डीएसपी अजय केथवास के नेतृत्च में टीम सुबह गोविंद पिता भोलू बागवान निवासी डोकाकुई कन्नौद के घर पहुंची। 18 हजार रुपए मासिक वेतन पाने वाले सहकारी समिति प्रबंधक के पास करोड़ों की जमीन और संपत्ति की जानकारी मिली है। इतना ही नहीं काली कमाई छिपाने के लिए आरोपी ने दोनों बेटों की वलदियत ही बदल दी। बताया जा रहा है कि वह पूर्व में भी किसानों के नाम पर फर्जी लोन बताकर उनके लोन माफ करवाने के नाम पर गरीब किसानों के रुपए हड़प चुका है। इस मामले में कन्नौद पुलिस थाने में एफआईआर हुई थी।
बेटों के नाम के आगे भाई का नाम लिखाया: प्रबंधक गोविंद बागवान के दो बेटे और एक बेटी है। तीनों की ही शादी हो चुकी है। साल 2020 में बेटे अरविंद और प्रवीण के नाम से करोड़ों की जमीन खरीदी, लेकिन काली कमाई का किसी को शक नहीं हो, इसलिए बेटों के नाम के आगे अपने भाई कैलाश का नाम दर्ज करवा दिया। जांच पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी के पास कुल 47 बीघा जमीन कन्नौद के डोकाकुई में है, जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए बताई जा रही है। आरोपी ने उसकी रजिस्ट्री में 35 लाख रुपए कीमत दर्ज करवाई। आरोपी के पास 1 बड़ा गोडाउन और तीन पक्के मकान के साथ एक ट्रैक्टर और दो चार पहिया हैं। इन्हीं की कीमत 54 लाख रुपए आंकी गई है।
आय से कई गुणा अधिक मिली संपत्ति: डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि आरोपी ने आय से कई गुना संपत्ति अर्जित कर रखी है। इसने 1993 में सेल्समैन के पद पर काम करना शुरू किया था। तब इसे 500 रुपए पगार मिलती थी। धीरे-धीरे यह प्रबंधक के पद तक पहुंच गया। अभी इसे वेतन के रूप में 18 हजार रुपए मिलते हैं। टीम और भी आरोपी के दस्तावेजों की जांच पड़ताल में लगी हुई है। प्रबंधन के पास से सोने-चांदी के जेवरात भी मिले हैं, जिसका आंकलन भी लाखों में है।