छ: साल से बिछड़े नाबालिग बालक को बाल कल्याण समिति ने परिजनों से मिलाया
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। विगत छ: साल से बिछड़े नाबालिग बालक को बाल कल्याण समिति सिंगरौली द्वारा परिजनों से मिलाया गया । जानकारी के अनुसार 13 वर्षीय बालक निवासी ग्राम अमहाडाड पोस्ट सरई, तहसील सरई जिला सिंगरौली विगत छ: साल पहले अपने परिजनों से बिछुड़ गया था। बालक के माता पिता उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में मजदूरी करने गए थे,जहा से वह 7 साल की उम्र में भटककर ट्रेन द्वारा उत्तर दिनाजपुर पश्चिम बंगाल चला गया था। उस समय अल्पआयु व मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण वह अपने घर व माता पिता के सम्बंध में कुछ नहीं बता पा रहा था। उक्त नाबालिग बालक की गुमशुदगी की सूचना पर बाल कल्याण समिति द्वारा बालक की खोजबीन करने विभिन्न बाल गृहो एव बालको से संबंधित संस्थाओं से सम्पर्क स्थापित किया गया। उक्त बालक की पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में होने की जानकारी प्राप्त हुई। जिसकी वापसी के लिए वहां के बाल कल्याण समिति व बाल गृह से सम्पर्क किया गया। बाल कल्याण समिति सिंगरौली की अध्यक्ष श्रीमती जयमाला शर्मा व सदस्यों द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राजेश राम गुप्ता, जिला बाल संरक्षण अधिकारी नीरज शर्मा एवं विधि सह परिवीक्षा अधिकारी कुमार वैभव गुप्ता से समन्वय कर जिले के गुमशुदा बालक को वापस लाने बाल कल्याण समिति उत्तर दिनाजपुर से सम्पर्क स्थापित कर बालक की गृह वापसी की कार्रवाई की गयी। उक्त नाबालिग बालक को बाल कल्याण समिति उत्तर दिनाजपुर द्वारा गत दिवस बाल कल्याण समिति सिंगरौली के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति द्वारा बालक के परिजनों से सम्पर्क कर समिति के समक्ष बुलाया गया। जहा समिति की अध्यक्ष श्रीमती जयमाला शर्मा एवं सदस्यगण रामदयाल पाण्डेय, अखिलेश कुमार द्विवेदी, विनोद सिंह परिहार, श्रीमती आरती पाण्डेय द्वारा बालक के संरक्षण, पोषण और शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर उसके परिजनों की काउंसिलिंग की गई। समिति द्वारा किशोर न्याय (बालकों के देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 अधिनियम क्रमांक 2 सन 2016 के तहत बालक के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए उसे परिजनों को सुपुर्द किया गया। बिछड़े हुए बालक को अपने बीच पाकर परिजन भावविभोर हो गए। और समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।