डॉ. वीके पॉल ने दी सलाह न करें कोविड की दवा का ज्यादा इस्तेमाल,बढ़ सकता म्यूकरमाइकोसिस का खतरा



एजेंसी,नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के दुरुपयोग तथा इसके अधिक मात्रा में इस्तेमाल के खिलाफ बुधवार को आगाह किया। सरकार ने लोगों से कहा  कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान दवाओं का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से करें। नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि पिछली बार हमने बहुत डरावनी स्थिति देखी जब दवाओं के अधिक मात्रा में इस्तेमाल कारण बहुत संख्या में लोगों को म्यूकरमाइकोसिस होने का खतरा बढ़ गया।पॉल ने कहा कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल से म्यूकरमाइकोसिस होने का खतर बढ़ सकता है, स्टेरॉयड एक सशक्त जीवन रक्षक दवा है। लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं जिससे प्रतिरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पॉल के मुताबिक स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल कई जैवरासायन के रास्ते में रुकावट बन जाता है, इसलिए इसका अधिक मात्रा में इस्तेमाल बहुत बड़ा सबक था।आम आदमी को पता होना चाहिए कि राष्ट्रीय प्रोटोकॉल-आयुष और मुख्यधारा के प्रोटोकॉल के तहत सटीक उपचारों की एक सूची है और हमें उसी तक सीमित रहना चाहिए। पॉल ने कहा कि ये प्रोटोकॉल सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए हैं, लेकिन हमें असल चिंता कोविड के उपचार में दवाओं के अधिक मात्रा में इस्तेमाल और दुरुपयोग को लेकर है।    पॉल ने कहा, बुखार के लिए पैरासिटामोल दिया जाता है और खांसी के लिए आयुष सिरप का उपयोग किया जा सकता है। यही हमने होम केयर मॉड्यूल में भी निर्धारित किया है। यदि खांसी तीन दिनों से अधिक समय तक रहती है, तो बुडेसोनाइड नामक एक इनहेलर होता है, केवल यही तीन चीजें हैं जिन्हें उपयोग करने की जरूरत है। इसके अलावा गरारे करें, आराम करें, ज्यादा काम न करें। पॉल ने कहा कि जब हम अस्पताल जाते हैं और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तो नैदानिक ​​​​निर्णय के आधार पर यहां एक दवा होती है - मिथाइलप्रेडनिसोलोन या डेक्सामेथासोन। इसके अलावा अस्पतालों के अंदर चिकित्सकों द्वारा हेपरिन भी दिया जाता है। पॉल के मुताबिक रेमडेसिविर के लिए भी स्पष्ट दिशानिर्देश हैं। इसे घर पर देने का कोई मतलब नहीं है। पॉल ने कहा कि रेमडेसिविर के घर पर इस्तेमाल से इसके दुरुपयोग का रास्ता साफ हो जाएगा।