काशी विश्वनाथ दरबार में सर्दियों में नंगे पैर नहीं, जूट के जूते पहनकर ड्‌यूटी करेंगे सेवादार



वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम के पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों को अब ठंड में नंगे पांव काम नहीं करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन के लिए 100 जोड़ी जूट के जूते वाराणसी भिजवाए हैं, जो सोमवार को मंदिर परिसर में काम करने वालों को वितरित किए गए।दरअसल, मंदिर परिसर में चमड़े या रबर के चप्पल-जूते प्रतिबंधित हैं। पहले सभी लोगों को लकड़ी के खड़ाऊं दिए गए थे, मगर खड़ाऊं की दिक्कत को समझते हुए अब खुद प्रधानमंत्री ने पहल की है।जूट के जूतों का वितरण रविवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने किया। उन्होंने बताया कि पहले सभी पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों को लकड़ी के खड़ाऊं दिए गए थे। मगर खड़ाऊं पहनकर 8 घंटे ड्यूटी करना मुश्किल हो रहा था।

कर्मचारियों को नंगे पैर देख पीएम ने भिजवाए जूते: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मंदिर परिसर में काम करने वालों को नंगे पांव देखा था। यह बात जब उनके संज्ञान में आई तो तुरंत पीएमओ की ओर से 100 जूट के जूते वाराणसी भिजवाए गए। अब पूरी सर्दी में मंदिर के पुजारी, सेवादार और सुरक्षाकर्मी जूट के जूते पहनकर ही ड्यूटी करेंगे।

काशी का धार्मिक टूरिज्म बढ़ा: काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद धार्मिक टूरिज्म बढ़ चुका है। नए साल पर हजारों भक्त दर्शनों के लिए यहां पहुंचे थे। जाड़े में पूजन के साथ भक्तों की सुरक्षा के लिए पुलिस वालों की जिम्मेदारी बढ़ने के साथ ही अन्य मुश्किलें भी हो रही हैं। इसलिए उनको सहूलियत देने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है।