करोड़ों साल पहले धरती पर घूमता था खतरनाक दानव डायनासोर
लंदन। ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने आज से करोड़ों (12.5) साल पहले घूमने वाले एक डायनासोर की पहचान की है। इस डायनासोर का जीवाश्म 2004 में ब्रिटेन के आइल ऑफ वाइट द्वीप पर मिला था। शोध के बाद वैज्ञानिकों ने इस डायनासोर की लंबाई 10 फीट व दांत आरी जैसे पैने और पूंछ मुर्गे जैसी होने की बात कही है। डायनासोर को वेलोसिरैप्टर का प्राचीन रिश्तेदार बताया जा रहा है। इस डायनासोर के जीवाश्म को आइल ऑफ वाइट के दक्षिणी तट पर कॉम्पटन बे में माइक ग्रीन ने खोजा था। वैज्ञानिकों ने उनके सम्मान में इस डायनासोर का नाम वेक्टिरैप्टर ग्रीनी रखा है।
इस खोज का अध्ययन करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ और पोर्ट्समाउथ के पैलियोन्टोलॉजिस्ट ने कहा कि यह जीव करीब 10 फीट तक लंबा होता था। वेलोसिरैप्टर प्रजाति में इसकी लंबाई सबसे ज्यादा थी। टीम का मानना है कि पंखों वाले वेक्टिरैप्टर ग्रीनी ने अपने शिकार पर काबू पाने के लिए क्रूर ताकत का इस्तेमाल किया। यह जीव अपने शिकार को मारने के लिए तेज दांत और नुकीले पंजों का इस्तेमाल करता था। इस कारण अपने समय में यह बेरहम शिकारी हुआ करता था। उन्होंने बताया की यह डायनासोर 12.5 करोड़ साल पहले अर्ली क्रेटेशियस के दौरान धरती पर मौजूद था। उस समय आइल ऑफ वाइट एक जंगल था। पैलियोन्टोलॉजिस्ट और बाथ विश्वविद्यालय के विकासवादी जीवविज्ञानी निकोलस लॉन्ग्रिच और उनके सहयोगियों ने बताया कि यह एक बड़ा और बहुत भारी जीव था। इसकी हड्डियां काफी मोटी और विशाल हुआ करती थी। यह स्पष्ट रूप से छोटे जानवरों का शिकार नहीं करता था, बल्कि अपने से बड़े जानवरों को मारकर खाता था। इसका मतलब यह है कि यह डायनासोरों में सबसे बड़ा नहीं था, फिर भी यह अपने से छोटों और दूसरे बड़े शाकाहारी डायनासोरों के लिए खतरा बना गया था। इसके मजबूत अंगों और पंजे को देखते हुए, यह संभव है कि वेक्टिरैप्टर ग्रीनी पेड़ों पर भी चढ़ने में सक्षम था। यह अपने भारी-भरकम शरीर का इस्तेमाल दूसरे जानवरों को मारने के लिए भी किया करता था। शोधकर्ताओं ने बताया कि क्रेटेशियस युग के दौरान शीर्ष शिकारी डायनासोरों में एलोसॉर नियोवेनेटर, बैरोनीक्स जैसे स्पिनोसॉर और ईओटिरानस नाम के टायरनोसॉर शामिल थे।