पहली बार रात में अग्नि-3 मिसाइल का हुआ परीक्षण
मिसाइल की मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है
बालेश्वर । परमाणु क्षमता से लैस सतह से सतह तक मार करने वाली बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का शनिवार को पहली बार रात में प्रशिक्षण किया गया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि ओडिशा तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से रात 7 बजकर 20 मिनट पर मिसाइल का परीक्षण हुआ। फिलहाल मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर नजर रखी जा रही है और ट्रायल के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। अग्नि-3 मिसाइल मध्यम दूरी तक मार करने वाली है और इसकी मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है।
अग्नि-3 मिसाइल पहले ही सेना में शामिल की जा चुकी है। इसकी लंबाई 17 मीटर, व्यास 2 मीटर और वजन करीब 50 टन है। रात का ट्रायल इंडियन आर्मी की स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड ने किया। इसमें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने लॉजिस्टिक सपॉर्ट दिया। यह परीक्षण सेना के यूजर ट्रायल के तहत हुआ।
डीआरडीओ के मुताबिक अग्नि-3 मिसाइल का यह चौथा यूजर ट्रायल था और इसका उद्देश्य मिसाइल के प्रदर्शन में निरंतरता को जांचना था। मिसाइल में 2 चरण की प्रणोदक प्रणाली है और यह 1.5 टन के हथियार को ले जाने में सक्षम है और हाइब्रिड नेविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम से लैस है। इसके अलावा इस पर अत्याधुनिक कंप्यूटर भी सेट है। इससे पहले भारत ने 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-2 बैलिस्टिक मिसाइल का ओडिशा के बालासोर से सफल रात्रि-परीक्षण किया था। मिसाइल का परीक्षण समन्वित परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया गया। अग्नि-2 मिसाइल का परीक्षण पिछले साल ही कर लिया गया था लेकिन रात के समय इसका परीक्षण पहली बार हुआ है। इसकी मारक क्षमता को दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार किमी तक किया जा सकता है। अग्नि-2 मिसाइल न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।