हेमंत सोरेन को ताज, रघुवर का गया राज

 


रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 के सोमवार को मतगणना के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) हेमंत सोरेन ने भले ही जनादेश का सम्मान करने की बात कही, लेकिन इस जनादेश से अब स्पष्ट है कि मतदाता ने रघुवर दास के हाथ से राज छीनकर हेमंत को ताज पहना दिया।

ऐसी स्थिति में राज्य में महागठबंधन की जीत लगभग सुनिश्चित दिख रही है और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय है, जबकि दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपा की इन चुनावों में करारी हार हुई है।

मुख्यमंत्री रघुवर दास जहां अपने निर्वाचन क्षेत्र जमशेदपुर (पूर्वी) से अपने ही मंत्रिमंडल के सदस्य रहे सरयू राय से हार के करीब हैं, वहीं इस चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को भी हार का सामना करना पड़ा।

विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने सिसई विधानसभा से 30 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए। सिसई विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर दिनेश उरांव का मुकाबला झामुमो के प्रत्याशी जिग्गा होरो से था। उरांव को 45,592 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) उम्मीदवार जीगा सुसरन होरो को 75446 वोट मिले।

इधर, भाजपा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भी हार का सामना करना पड़ा। चक्रधरपुर सीट पर झामुमो के सुखराम ने कब्जा जमा लिया है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को मात दी। सुखराम ने गिलुवा को 12234 मतों से हराया। सुखराम उरांव को 43832, जबकि लक्ष्मण गिलुवा को 31598 मत मिले।

इस चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं, वहीं वह इस बार सिर्फ 26 पर सिमटती नजर आ रही है। भाजपा की सहयोगी रही आजसू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी, जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

इस बीच, अब रघुवर दास जनादेश के सम्मान की बात कर रहे हैं। रांची में पत्रकारों से चर्चा करते हुए दास पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "इस चुनाव में अब तो जो भी जनादेश आ रहा है, उसको स्वीकार करता हूं।" उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में मिले जनादेश के मुताबिक उन्होंने राज्य में विकास के कार्य करने की कोशिश की और लोगों की सेवा करने का काम किया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "इस चुनाव में यदि हार होती है तो यह भाजपा की नहीं, मेरी हार होगी।"

बहरहाल, इतना तय है कि मतगणना नतीजों ने भाजपा और उसके मुख्यमंत्री रघुवर दास को तगड़ा झटका दिया है। भाजपा के कई दिग्गज नेता या तो चुनाव हार गए हैं, या हार के करीब हैं।