पुष्पदंत सागर जी ने अपने 5 शिष्यों को दी आचार्य की पदवी
आचार्यों ने गणाचार्य का किया पाद प्रक्षालन
देवास। देवास जिले के सोनकच्छ में पुष्पगिरी तीर्थ क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज ने अपने 5 शिष्यों को आचार्य पद से दीक्षित किया पहली बार आचार्य पद से नवाजे गए तरुण सागर महाराज को मृत्यु उपरांत आचार्य पद दिया गया है।
पुष्पदंत सागर जी ने मुनि श्री प्रसन्न सागर, मुनि श्री पुलक सागर, मुनि श्री प्रमुख सागर और मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज को आचार्य पद से दीक्षित किया। इस तरह उनके पांच शिष्य अब आचार्य के नाम से जाने जाएंगे।
इस अवसर पर चारों आचार्य और उपस्थित मुनियों ने गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। अब यह चारों आचार्य अपने-अपने संघ में मुनियों को दीक्षित कर सकेंगे। यह अधिकार पुष्पदंत सागर महाराज ने होने उन्हें दे दिया है। गणाचार्य बनने के बाद पुष्पदंत सागर महाराज ने कहा कि फल अगर डाली पर पके, तो उसे तोड़कर व्यवस्थित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा योग्य मुनियों को आचार्य पद का अधिकार देकर मानव कल्याण के लिए जिस बात की कल्पना अभी नहीं की जा सकती थी। वह काम उन्होंने किया है। उन्होंने कहा एक आचार्य ही दीक्षा दे सकता है।
विदेशी शिष्य पहुंचे पुष्पगिरी
पुष्पगिरी तीर्थ क्षेत्र में विदेशी भक्तों का जमावड़ा भी लगा मुनि पीयूष सागर की भक्त थाईलैंड से पहुंची। सथित कुमारन और अफनीता चेचना, बैंकॉक से नीरज जैन, न्यूजर्सी से सतीश शाह पहुंचे। उन्होंने इस अवसर पर आशीर्वाद लेकर स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।